Honey benefits for health in hindi ।

शहद (Honey) benefits for health in hindi !

Honey benefits for health
Honey

विवरण

शहद में सेहत के लिए ढ़ेर सारे फायदे होने के कारण इसे पारंपरिक दवा ही नहीं भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में भी उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में शहद की महत्ता को देख एलोपैथ और आधुनिक चिकित्साशास्त्र भी शहद के औषधीय गुण पर शोध करने लगी है।

मेडीकेटेड शहद (Medicated Honey)
हालांकि, कुछ ऐसे बैक्टेरिया जो बीजाणु पैदा करते हैं और इनसे संक्रमण का खतरा बना रहता है। खासकर तब जब बच्चों को मुंह से शहद पिलाया जाता है। इसलिए डॉक्टर बच्चों को मेडीकेटेड शहद (Medicated Honey) पिलाने की सलाह देते हैं, जिसमें संक्रमण का डर नहीं रहता है। मेडिकेटेड शहद में बीजाणु और पेस्टीसाइड के अंश नहीं रहते हैं। साथ ही, शहद से बच्चों का पेट साफ रहता है।

शहद का चोट में इस्तेमाल (Use of Honey in Wound)
शहद के कई औषधीय गुण हैं। इसी कारण से शहद का इस्तेमाल सबसे प्राचीन और पारंपरिक चिकित्सा शैली होता आया है। पहले कुछ लोग कटे-जले के घावों पर सीधे शहद का लेप लगाते थे।
शहद को सीधे घाव के स्थान पर लगाने का इतिहास काफी पुराना है। ग्रीस के इतिहास में 50 ए.डी में एक फिजिशियन Dioscorides ने संक्रमित घावों को ठीक करने के लिए सबसे पहले शहद का इस्तेमाल किया था।

जुलाई 2006 में बीबीसी में एक रिपोर्ट आई थी कि कैसे मैनचेस्टर के क्रिसली ह़ॉस्पीटल में डॉक्टरों ने कैंसर के मरीजों के सर्जरी के बाद घावों को भरने और सुखाने के लिए शहद का प्रयोग किया था। यह प्रयोग सफल साबित हुआ और उसके बाद पुरी दुनिया के चिकित्सा जगत में शहद के औषधीय गुण का लोहा माने जाने लगा।

शहद का दैनिक उपभोग (Daily Uses of Honey)
शहद का उपभोग बहुत आसान है और यह काफी मीठा है। मीठा किसे नहीं पसंद है। इसे आप सीधे खा सकते हैं। ब्रेड में जैम की तरह लगा कर खा सकते हैं। जूस में मिला कर पी सकते हैं। या फिर गर्म पानी में, नींबू पानी दवा के रुप में मिला कर पी सकते हैं। शहद का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।

फायदे

शहद के औषधीय लाभ (Medicinal Benefits of Honey)

सभी तरह के घावों की ड्रेसिंग में (Wound Dressing)
जलने-कटने,चोट लगने, सर्जरी, सनबर्न और किसी भी तरह के अल्सर के घावों को भरने में शहद का इस्तेमाल किया जाता है। शहद में ऐसे कुछ केमिकल होते हैं जो बैक्टेरिया और फंगस को मारते हैं।
शहद को जब त्वचा पर लगाया जाता है तो यह घाव के अंदर नमी को आने से रोकता है जिसके कारण से घाव की ड्रेसिंग होती है और घाव जल्दी सूख जाती है
शहद को लेकर किये गये विभिन्न शोधों में बताया गया है कि :-
शहद में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं।
यह घावों को सुखाने के लिए जरुरी जैविक क्रिया autolytic debridement में मदद करता है
यह घाव के बदबूदार दुर्गंध को दूर करता है। यह घावों के उत्तकों के हीलिंग प्रक्रिया में तेजी लाता है

स्वीटनर (Honey as a Sweetner)
चीनी के बदले में शहद को खाने और पीने के सामान में इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद में 69 प्रतिशत ग्लुकोज और फ्रक्टोज की मात्रा होती है जो सफेद चीनी से ज्यादा सेहतमंद है।

वजन घटाने में (Honey for Weight Loss)
शहद में चीनी से ज्यादा कैलौरी होती है। जब शहद को गर्म पानी के साथ मिला कर पीया जाता है तो यह पेट में जमी चर्बी यानि वसा को पचाता है, जलाता है। इसी तरह अगर नींबू के रस में शहद मिला कर पी जाए तो यह चर्बी घटाने यानि वजन कम करने में काफी काम करता है।

उर्जा का स्रोत (Honey as a Source of Energy)
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस के अनुसार एक चम्मच शहद में 64 कैलोरी उर्जा होती है। इसलिए बहुत सारे लोग शहद तुरंत उर्जा पाने के लिए भी खाते हैं। वहीं दूसरी ओर एक चम्मच सफेद चीनी में 15 कैलोरी ही उर्जा होती है। इसके अलावा शहद में मौजूद कार्बोहाइड्रेट आसानी से ग्लुकोज में बदल जाता है और यह आसानी से शरीर में पच भी जाता है।

एथलीट का क्षमता को बढ़ाने में करता मदद (Honey for Increasing Efficiency)
शोधों से पता चला है कि शहद में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होने के कारण इसका सेवन एथलीट ज्यादा करते हैं। शहद शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को भी नियंत्रित करता है। एशलीट के लिए यह इसलिए भी खास है क्योंकि इसके सेवन से मांसपेशिया मजबूत होती है। वर्कआउट करने के बाद यह शरीर में खोए ग्लाइकोजेन की मात्रा को दुबारा मेंटेन करता है।

विटामिन और मिनरल्स का प्रमुख स्रोत (Source of Vitamins and Minerals)
शहद में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. शहद में कौन सा विटामिन है और मिनरल्स की मात्रा कितनी है यह निर्भर करता है कि शहद किस फूल के परागकणों से बना है। सामान्यतया शहद में विटामिन सी, कैल्शियम और आइरन होते हैं।

एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण (Anti Bacterial and Anti Fungal Use of Honey)
शहद में एंटी बैक्टेरियल और एंटी फंगल गुण होती है। यही कारण है कि इसका उपयोग पारंपरिक इलाज में कुदरती एंटी सेप्टिक मलहम के रुप में किया जाता है।

एंटीऑक्सीडेंट (Anti Oxidant)
शहद में nutraceuticals पाए जाते हैं जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल को हटाने में काफी मदद करते हैं। यही कारण है कि शहद के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है और हमारा शरीर दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है।

त्वचा के लिए वरदान (Honey Uses for Skin)
त्वचा की सेहत और सौंदर्य के लिए शहद से ज्यादा कारगर कुछ भी नहीं है। चमकती और दमकती त्वचा के लिए दूध में शहद मिला कर या सिर्फ शहद का लेप लगाया जाता है।

और भी हैं कई औषधीय उपयोग (Other Medicinal Benefits of Honey)
संक्रामक बुखार में।
किडनी डायलिसीस के दौरान कैथेडर से हुए संक्रमण को खत्म करता है।
डायबिटीक फुट अल्सर में।
आंखों की सर्जरी के बाद शहद एक बेहतर आई ड्रॉप का काम करता है।
गैंग्रीन जैसे भयंकर घाव को हील करता है।
मसूढ़ों के दर्द और खून निकलने को बंद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।
उल्टी और दस्त को रोकने में भी कारगर।
खुजली को शांत करता है।
सनबर्न में आराम पहुंचाता है।
- दमा में आराम पहुंचाता है।
एलर्जी कम करता है।

सावधानी

सावधानियां और साइड इफेक्टस (Precautions and Side Effects of Honey)
शहद का सेवन व्यस्कों के लिए सुरक्षित है मगर एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद देने में सावधानी की आवश्यकता है।
नवजात शिशुओं को शहद देना नुकसानदेह है। कच्चा शहद तो नवजातों को एकदम नहीं देना चाहिए। इससे संक्रम फैल सकता है और प्वाइजनिंग का भी खतरा रहता है।
वैसा शहद जहरीला हो सकता है जो Rhododendrons फूल के पराग से कल्चर हुआ हो। इसे सीधे खाने से दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर कम, छाती में दर्द और हार्ट अटैक तक आ सकता है।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध पिलाने वाली मां को भी मेडिकेटेड शहद ही देना चाहिए। उन्हें सीधे कच्चा शहद नहीं देना चाहिए।


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